कोई दीवाना कहता है

कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है !
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !!
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ , तू मुझसे दूर कैसी है !
ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है !!

मोहब्बत एक एहसासों की पावन सी कहानी है !
कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है !!
यहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आँसू हैं !
जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है !!

समंदर पीर का है अन्दर, लेकिन रो नही सकता !
यह आँसू प्यार का मोती है, इसको खो नही सकता !!
मेरी चाहत को दुल्हन बना लेना, मगर सुन ले !
जो मेरा हो नही पाया, वो तेरा हो नही सकता !!

[The above lines are by Dr. Kumar Vishwas, a very well known poet of India. You can view his performance here & here]


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About Rakesh

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29 Responses to कोई दीवाना कहता है

  1. Shikha कहते हैं:

    Wow… That’s Lovely.. 🙂

  2. aniket कहते हैं:

    cool man. these really are beautiful lines. do post more like these.

  3. uchit1980 कहते हैं:

    कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है
    मगर धरती की बैचेनी को बस बादल समझता है।
    तू मुझसे दूर कैसी है, मैं तुझसे दूर कैसा हूँ
    ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है।

    मुहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है
    कभी कबिरा दीवाना था, कभी मीरा दीवानी है।
    यहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आँसू हैं
    जो तू समझे तो मोती है , जो ना समझे तो पानी है।

    join here mam
    http://www.orkut.com/Community.aspx?cmm=23427391

  4. Anunaad Singh कहते हैं:

    आपकी रचना बहुत पसन्द आई। हिन्दी के ब्लागर भी आजकल खूब लिख रहे हैं, कविता और बहुत कुछ और भी। कभी यहाँ भी पधारें:

    http://narad.akshargram.com/

  5. masijeevi कहते हैं:

    अच्‍छा लिखा।
    हिंदी की ब्‍लॉगिंग अब विकसित हो रही है। अन्‍य हिंदी ब्‍लॉगरो के संपर्क में रहें कई मित्र आपकी कविताओं का आनंद लेना चाहेंगे।

  6. ajay कहते हैं:

    Bhai sahab bahut khoob likha he……maza aa gaya……..aise hi aap agar kabhi-kabhi hume bhi de do to maza aa jayega………
    ak359in@zapak.com

  7. ajay कहते हैं:

    कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है !
    मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !!
    मैं तुझसे दूर कैसा हूँ , तू मुझसे दूर कैसी है !
    ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है !!

    मोहब्बत एक एहसासों की पावन सी कहानी है !
    कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है !!
    यहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आँसू हैं !
    जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है !!

    समंदर पीर का है अन्दर, लेकिन रो नही सकता !
    यह आँसू प्यार का मोती है, इसको खो नही सकता !!
    मेरी चाहत को दुल्हन बना लेना, मगर सुन ले !
    जो मेरा हो नही पाया, वो तेरा हो नही सकता !!

  8. santosh कहते हैं:

    कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है !
    मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !!
    मैं तुझसे दूर कैसा हूँ , तू मुझसे दूर कैसी है !
    ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है !!

    मोहब्बत एक एहसासों की पावन सी कहानी है !
    कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है !!
    यहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आँसू हैं !
    जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है !!

    समंदर पीर का है अन्दर, लेकिन रो नही सकता !
    यह आँसू प्यार का मोती है, इसको खो नही सकता !!
    मेरी चाहत को दुल्हन बना लेना, मगर सुन ले !
    जो मेरा हो नही पाया, वो तेरा हो नही सकता !!

  9. dheeraj agrawal कहते हैं:

    it’s very nice lines.
    i pray to god for ur bright future
    aur aap esa hi likhta raha .

  10. vaibhav कहते हैं:

    bahut khoooob bole tuh ek dum bindas…………….

  11. niranjan कहते हैं:

    hak hai bhai ko dil saiy likhtaiy ho yar aap……………

  12. amit pandey कहते हैं:

    कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है
    मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है
    मै तुझसे दूर कैसा हू तू मुझसे दूर कैसी है
    ये मेरा दिल समझता है या तेरा दिल समझता है
    मोहबत्त एक अहसासों की पावन सी कहानी है
    कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है
    यहाँ सब लोग कहते है मेरी आँखों में आसूं है
    जो तू समझे तो मोती है जो ना समझे तो पानी है
    मै जब भी तेज़ चलता हू नज़ारे छूट जाते है
    कोई जब रूप गढ़ता हू तो सांचे टूट जाते है
    मै रोता हू तो आकर लोग कन्धा थपथपाते है
    मै हँसता हू तो अक्सर लोग मुझसे रूठ जाते है
    समंदर पीर का अन्दर लेकिन रो नहीं सकता
    ये आसूं प्यार का मोती इसको खो नहीं सकता
    मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना मगर सुन ले
    जो मेरा हो नहीं पाया वो तेरा हो नहीं सकता
    भ्रमर कोई कुम्दनी पर मचल बैठा तो हंगामा
    हमारे दिल कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा
    अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोह्बत्त का
    मै किस्से को हक्कीकत में बदल बैठा तो हंगामा
    बहुत बिखरा बहुत टूटा थपेडे सह नहीं पाया
    हवाओं के इशारों पर मगर मै बह नहीं पाया
    अधूरा अनसुना ही रह गया ये प्यार का किस्सा
    कभी तू सुन नहीं पाई कभी मै कह नहीं पाया

  13. NARENDRA @PRIYA YADAV कहते हैं:

    कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है
    मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है
    मै तुझसे दूर कैसा हू तू मुझसे दूर कैसी है
    ये मेरा दिल समझता है या तेरा दिल समझता है
    मोहबत्त एक अहसासों की पावन सी कहानी है
    कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है
    यहाँ सब लोग कहते है मेरी आँखों में आसूं है
    जो तू समझे तो मोती है जो ना समझे तो पानी है
    मै जब भी तेज़ चलता हू नज़ारे छूट जाते है
    कोई जब रूप गढ़ता हू तो सांचे टूट जाते है
    मै रोता हू तो आकर लोग कन्धा थपथपाते है
    मै हँसता हू तो अक्सर लोग मुझसे रूठ जाते है
    समंदर पीर का अन्दर लेकिन रो नहीं सकता
    ये आसूं प्यार का मोती इसको खो नहीं सकता
    मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना मगर सुन ले
    जो मेरा हो नहीं पाया वो तेरा हो नहीं सकता
    भ्रमर कोई कुम्दनी पर मचल बैठा तो हंगामा
    हमारे दिल कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा
    अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोह्बत्त का
    मै किस्से को हक्कीकत में बदल बैठा तो हंगामा
    बहुत बिखरा बहुत टूटा थपेडे सह नहीं पाया
    हवाओं के इशारों पर मगर मै बह नहीं पाया
    अधूरा अनसुना ही रह गया ये प्यार का किस्सा
    कभी तू सुन नहीं पाई कभी मै कह नहीं पाया

    Narendra Yadav

  14. NARENDRA @PRIYA YADAV कहते हैं:

    Priya I Am Sorry For you Plz Talk to me

  15. NARENDRA @PRIYA YADAV कहते हैं:

    ARE YAAR KYA BAAT HAI TUMNE TO TUTE HUE DIL KO SAMJHANE KI KYA NAYAB KHOJ KI hAI
    THANKU YAAR
    NARENDRA@priya yadav

  16. badluck616 कहते हैं:

    hue paida to dharti par hua aabad hangama
    jawani ko hamari kar gaya barbad hangama
    hamare bhal par takdir ne ye likh diya …
    hamare sath me he aur hamare baad hungama

  17. chirag pandya कहते हैं:

    कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है
    मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है
    मै तुझसे दूर कैसा हू तू मुझसे दूर कैसी है
    ये मेरा दिल समझता है या तेरा दिल समझता है
    मोहबत्त एक अहसासों की पावन सी कहानी है
    कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है
    यहाँ सब लोग कहते है मेरी आँखों में आसूं है
    जो तू समझे तो मोती है जो ना समझे तो पानी है
    मै जब भी तेज़ चलता हू नज़ारे छूट जाते है
    कोई जब रूप गढ़ता हू तो सांचे टूट जाते है
    मै रोता हू तो आकर लोग कन्धा थपथपाते है
    मै हँसता हू तो अक्सर लोग मुझसे रूठ जाते है
    समंदर पीर का अन्दर लेकिन रो नहीं सकता
    ये आसूं प्यार का मोती इसको खो नहीं सकता
    मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना मगर सुन ले
    जो मेरा हो नहीं पाया वो तेरा हो नहीं सकता
    भ्रमर कोई कुम्दनी पर मचल बैठा तो हंगामा
    हमारे दिल कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा
    अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोह्बत्त का
    मै किस्से को हक्कीकत में बदल बैठा तो हंगामा
    बहुत बिखरा बहुत टूटा थपेडे सह नहीं पाया
    हवाओं के इशारों पर मगर मै बह नहीं पाया
    अधूरा अनसुना ही रह गया ये प्यार का किस्सा
    कभी तू सुन नहीं पाई कभी मै कह नहीं पाया

  18. ajay कहते हैं:

    कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है

  19. dishu कहते हैं:

    मुझे दुगनी महोब्बत से सुनना उरदु जुबाँ वालो,
    मैं हिन्दी माँ का बेटा हूँ मैं घर मौसी के आया हूँ|

    काशी…..

  20. Rahul Sharma कहते हैं:

    i like this line…..भ्रमर कोई कुमुदनी पर, मचल बैठा तो हंगामा
    हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा
    अभी तक डूब कर सुनते थे, सब किस्सा मोहब्बत का
    हम किस्से को, हकीक़त में, बदल बैठे तो हंगामा

  21. Kalpana(खूबसूरत ख़याल) कहते हैं:

    Ji hme to instagram pr msg bhi aaya Abhi bhi shock me baithe hai 😂😂

  22. OMPRAKASH JAILIA कहते हैं:

    कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है
    मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है
    मै तुझसे दूर कैसा हू तू मुझसे दूर कैसी है
    ये मेरा दिल समझता है या तेरा दिल समझता है
    मोहबत्त एक अहसासों की पावन सी कहानी है
    कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है
    यहाँ सब लोग कहते है मेरी आँखों में आसूं है
    जो तू समझे तो मोती है जो ना समझे तो पानी है
    मै जब भी तेज़ चलता हू नज़ारे छूट जाते है
    कोई जब रूप गढ़ता हू तो सांचे टूट जाते है
    मै रोता हू तो आकर लोग कन्धा थपथपाते है
    मै हँसता हू तो अक्सर लोग मुझसे रूठ जाते है
    समंदर पीर का अन्दर लेकिन रो नहीं सकता
    ये आसूं प्यार का मोती इसको खो नहीं सकता
    मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना मगर सुन ले
    जो मेरा हो नहीं पाया वो तेरा हो नहीं सकता
    भ्रमर कोई कुम्दनी पर मचल बैठा तो हंगामा
    हमारे दिल कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा
    अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोह्बत्त का
    मै किस्से को हक्कीकत में बदल बैठा तो हंगामा
    बहुत बिखरा बहुत टूटा थपेडे सह नहीं पाया
    हवाओं के इशारों पर मगर मै बह नहीं पाया
    अधूरा अनसुना ही रह गया ये प्यार का किस्सा
    कभी तू सुन नहीं पाई कभी मै कह नहीं पाया ।
    …..ओमप्रकाश जैलिया भीलवाड़ा राजस्थान….✍️

  23. OMPRAKASH JAILIA कहते हैं:

    कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है
    मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है
    मै तुझसे दूर कैसा हू तू मुझसे दूर कैसी है
    ये मेरा दिल समझता है या तेरा दिल समझता है
    मोहबत्त एक अहसासों की पावन सी कहानी है
    कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है
    यहाँ सब लोग कहते है मेरी आँखों में आसूं है
    जो तू समझे तो मोती है जो ना समझे तो पानी है
    मै जब भी तेज़ चलता हू नज़ारे छूट जाते है
    कोई जब रूप गढ़ता हू तो सांचे टूट जाते है
    मै रोता हू तो आकर लोग कन्धा थपथपाते है
    मै हँसता हू तो अक्सर लोग मुझसे रूठ जाते है
    समंदर पीर का अन्दर लेकिन रो नहीं सकता
    ये आसूं प्यार का मोती इसको खो नहीं सकता
    मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना मगर सुन ले
    जो मेरा हो नहीं पाया वो तेरा हो नहीं सकता
    भ्रमर कोई कुम्दनी पर मचल बैठा तो हंगामा
    हमारे दिल कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा
    अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोह्बत्त का
    मै किस्से को हक्कीकत में बदल बैठा तो हंगामा
    बहुत बिखरा बहुत टूटा थपेडे सह नहीं पाया
    हवाओं के इशारों पर मगर मै बह नहीं पाया
    अधूरा अनसुना ही रह गया ये प्यार का किस्सा
    कभी तू सुन नहीं पाई कभी मै कह नहीं पाया ।

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